मेरे प्रभु - राजीव डोगरा
Oct 6, 2021, 22:59 IST
| मैं स्वर्ग में गमन करूं ,
या फिर नर्क कुंड की,
अग्नि में भस्म होता रहूँ।
मगर फिर भी,
तुम मुझ में,
शेष रहना मेरे प्रभु।
मैं सिंहासन पर बैठा हुआ
राज करूं या फिर
रंक बन भिक्षा मांगू
मगर फिर भी
तुम मुझ में
शेष रहना मेरे प्रभु।
मैं जीवन के प्रारंभिक दौर में
खड़ा हूं या फिर
मृत्यु के अंतिम छोर में खड़ा हूं
मगर फिर भी
तुम मुझ में
शेष रहना मेरे प्रभु।
राजीव डोगरा ,
ठाकुरद्वारा, गांव जनयानकड़
कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश, rajivdogra1@gmail.com