मुक्तक = रीतू गुलाटी
Jun 25, 2021, 23:43 IST
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आपका बुरा वक्त सच बता देता है।
लोगो की असलियत का पता देता है।
आज कौन अपना है कौन पराया है-
सच का आईना हमें दिखा देता है।
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बुरे वक्त में हम, आजमाने लगे है।
लोग हमें अब आँखे दिखाने लगे है।
महामारी है फैली, दूर ही रहना-
दु:ख मे अपने भी अब सताने लगे है।
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बुरे वक्त की मार से कौन बच पाया।
दिल के दर्द को इन आँखो में छिपाया।
चुप ही रहे थे, नही कुछ भी हम बोले-
भीतर के दर्द को आँखो ने बताया।
= रीतू गुलाटी ऋतंभरा, हिसार , हरियाणा