माँ की ममता = ऋतु गुलाटी 

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माँ जीवन का फूल है, देती सबको प्रेम।

पलना है माँ खुशनुमा,रखती सबकी नेम।।

मीठे जल की माँ नदी, गाती मीठे गीत।

बाँटे मीठा गीत है, भर देती  है प्रीत।।

माँ पूजा की थाल है, मंदिर मस्जिदें एक।

माता का अहसान है, देती दुआ अनेक।।

माँ भेद कभी करती नही,, कैसी हो औलाद।

सभी की रक्षा है करें,  माँ  बनती  फौलाद।।

 

चुप्पी रह कर दर्द सहे, जैसे भी  हालात।

बच्चो को कुछ ना कहें, रखती मन मे मात।।

= रीतूगुलाटी. ऋतंभरा, हिसार, हरियाणा