यादे बची है - मोनिका जैन

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रंजिशो के दौर तो सिमट गये,

बस यादे बची है सहेजी हुई ,

तुम जाने कहा मै तुम्हारी याद मे,

बर्फ से ढकी पाहाड़िया और मडराते बादल,

उन कुछ बनती बिगड़ती तस्वीरे,

यकायक कई बाते जो तुम से जुडी  थी,

हालाकि अब सब बे-मतलब है,

पर दिल है कि मानता नही, 

आखिर सात बंधनो  में जुङे थे,

जो झटके है टूट गया ,बढा कमजोर था !

तुम तो किनारा कर गये और मै,

दो हादसे में झूल गई?

टूटा साथ और टूटा पैर,

दोनो एक साथ अपाहिज  कर गये,

और ये बर्फ से ढकी  पहाड़िया,

आज भी यू ही मुस्कुराए  जा रही है

जैसे कुछ हुआ ही नही.......

- मोनिका जैन , मीनू, दिल्ली