जीवन  ऐसे जियो = कालिका प्रसाद 

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जीवन ऐसे जियो = कालिका प्रसाद

ईश्वर एक रुप अनेक है,
नाम अलग अलग होय,
कण - कण में व्याप्त  है,
हर घर ईश्वर  का धाम।

क्षमा नम्रता और प्रेम धन,
वेदो ने  यह  बतलाया  है,
अच्छाई में अमृत  होती है,
सच्चाई  में  है   जीत ।

गुरु की  मात   पिता  की,
कभी न काटो कोई बात,
अनुशासन का  पालन करो,
जीवन  सफल  हो  जाय।

नवधा भक्ति विवेक गुण,
परहित का रखों नित ध्यान,
स्वास्थ रहो, सुख शांति दो,
आओगे तुम सबके काम।

कर्म  करो  कर्तव्य  से,
खूब बढ़ेगा मान तुम्हारा,
औरों  को  सम्मान   दो,
मिल जायेगा तुम्हें सम्मान।

अच्छे ग्रन्थों को तुम पढ़ो
आचरण तुम्हारा सुधर जायेगा,
नाम तुम्हारा अमर रहेगा
जीवन तुम्हारा सफल होगा।
= कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रुद्रप्रयाग  उत्तराखंड