कुंडली - (पेट्रोल डीजल) - - जसवीर सिंह हलधर

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डीजल में धूमिल हुई , अच्छे दिन की बात ।

आग लगी  पेट्रोल  में , यह कैसी  सौगात ।।

ये  कैसी  सौगात ,  धुंध  में  खोई  आशा ।

छोड़ो मन की बात, रोज का नया तमाशा ।।

कह हलधर कविराय, आँख से बहता है जल।

निर्वाचन  के  साल  , पड़ेगा  भारी    डीजल ।।

- जसवीर सिंह हलधर , देहरादून