हिंदी की खुशबू - अनुराधा सिंह
Sep 15, 2021, 22:16 IST
| क्यूं प्रगति पथ पर तुम्हारे हो रहा है भय,
मातृभाषा बिन, चाहते हो सफलता पर विजय,
हीनता का दोष मातृभाषा पर मत मढ़ो
कोरी कल्पना छोड़, प्रगति पथ पर बढ़ चलो।।
कुछ नहीं बिगड़ा अभी,माँ भारती साथ है
देश का भाग्य निर्माण हिंदी के ही हाथ है,
आज मिलकर लें सौगंध, दिल से हिंदी अपनाएंगे
हिंदी की खुशबू विश्व वाटिका में फैलाएंगे।।
= अनुराधा सिंह"अनु" राँची, झारखण्ड