कविता - डा.अंजु लता सिंह
Jul 19, 2021, 17:30 IST
| मेहंदी रचे हाथ
तुम्हारा साथ
मन को भाए
कंपित गात
सजना सजीले
रसिक रंगीले
थिरकती खुशी
कुछ पल जी ले
सूट में भटके
टाई में अटके
दुल्हन के हाथ
दो नैना मटके
पुष्पित सौगात
महके जज्बात
प्रिय से मिलन
बन गई बात.
- डा.अंजु लता सिंह, नई दिल्ली