करुणामयी माँ धवलेश्वरी = कलिका प्रसाद
Jun 30, 2021, 23:27 IST
| हे शारदे माँ मुझे प्यार दे,
माँ सरस्वती तेरी दया चाहता हूँ,
पदमासनी माँ कमलासनी,
केवल तुम्हारी दया चाहता हूँ।
तू ही जमी तू ही आसमाँ हो माँ,
आबाद तुझसे सारा जहाँ है,
जाऊँ कहाँ ये चरण छोड़कर,
रहना शरण में सदा चाहता हूँ।
जन-जन की वाणी निर्मल हो माँ,
हर मुख में अमृतधार बहे माँ,
काम क्रोध अर मद लोभ मिटे माँ,
मन में सबके प्रति प्यार रहे माँ।
तन-मन सबके ऐसा रंग दे माँ,
आ सके सभी देश के काम माँ,
सबको ऐसा वर दे दो माँ,
हे करुणामयी माँ धवलेश्वरी।
= कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार, रुद्रप्रयाग