इस कठिन दौर में = माधुरी द्विवेदी

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ईश्वर अल्लाह  वाहेगुरू, ईसामसीह आज !
एकमेव हो कीजिये, मानव हित में काज !!

समय-समय पर आपने, लिये कई अवतार !
मानव की रक्षा किये , दानव का संहार !!

फिर से मानव जाति पर, आन पड़ा है कष्ट !
हे प्रभु जल्दी आइये, विपदा करिये नष्ट !!

क्रूर हो गयी क्रूरता, त्राहि-त्राहि चहुँ ओर !
कोरोना के त्रास से, क्रंदन का है शोर !!

किंकर्तव्यविमूढ़ है, राजा-प्रजा-समाज !
कैद हो गया इस तरह, प्राणी-प्राणी आज !!

क्षमा सहित है प्रार्थना, विनती बारम्बार !
सृष्टि रचयिता सृष्टि पर, दृष्टि करो सरकार !!

देखो सबकी दुर्दशा,  सुनो हृदय चीत्कार !
मर्जी है फिर आपकी, लो ना लो अवतार !!
= माधुरी द्विवेदी "मधू", गोरखपुर,उत्तर प्रदेश