मैं हिंदुस्तान हूं = ज्योत्सना रतूड़ी
राम कृष्ण की जन्मभूमि,
वेद शास्त्र पुराण हूं,
संस्कृति के लिए विश्वविख्यात,
हां मैं वही हिंदुस्तान हूं।
ऋषि मुनियों की तपस्थली
गीता रामायण का पाठ हूं
दिए अर्जुन को उपदेश कृष्ण ने
जहां मैं वही हिंदुस्तान हूं।
अहिल्या, सीता, सावित्री जैसी,
पतिव्रता नारी हुई जहां,
गृहस्थ का मान रखते सभी,
मैं वही प्यारा हिंदुस्तान हूं।
हिमालय है शीश जिसका
गंगासागर पग पखारे
धामों की नगरी है जो
मैं वही हिंदुस्तान हूं।
परिवार है सर्वोपरि जहां,
माता-पिता गुरुजनों का आदर हो,
करते मान बड़ाई सबकी,
मैं वही महान हिंदुस्तान हूं।
वीरों का गढ़ कहलाता,
अतिथियों का करे सत्कार,
देश है सर्वोपरि जिनके लिए,
मैं वही हिंदुस्तान हूं ।
योग आयुर्वेद का ज्ञान दिया,
शून्य का आविष्कार किया,
सौहार्दता जो निभाते सुहृदय बन,
मैं वही हिंदुस्तान हूं।
गंगा यमुना सरयू सरस्वती,
करती पावन धाम को,
रामसेतु ताजमहल जहां,
मैं वही हिंदुस्तान हूं।
देश मेरा है सबसे महान,
कर दूं इस पर जान कुर्बान,
बन जाऊं मैं एक प्रहरी,
हां मैं वही हिंदुस्तान हूँ।
= ज्योत्सना रतूड़ी *ज्योति* उत्तरकाशी उत्तराखंड