हिंदी ग़ज़ल - जसवीर सिंह हलधर
Jan 8, 2022, 22:49 IST
| दुश्मन भले जहान है पर बेमिसाल है ।
दुनिया कहे महान है आभा विशाल है ।
वो खूब सावधान था बचकर निकल गया ,
खतरे में उसकी जान है तीखा सवाल है ।
डरने लगा चुनाव की आहट से आज वो ,
कानून वापसी हुआ हमको मलाल है ।
है कौन उसके काम पर उँगली उठा सके ,
या तो ज़लील शख़्स है या फिर दलाल है ।
पंजाब ने दिखा दिया सच आज देश को ,
हल्दी मिली कपीश को सच्ची मिसाल है ।
योगी बनाम भोगियों में जंग हो रही ,
थामे खड़ा फ़क़ीर वो सच की मशाल है ।
जिन्ना जुनून देश में दिखने लगा मुझे ,
अब खालसा करने लगा फिर से वबाल है ।
"हलधर" कहे ग़ज़ल जिसे वो तल्ख़ तेवरी ,
ठुकरा सके बयान ये किसकी मजाल है ।
जसवीर सिंह हलधर , देहरादून