हिंदी ग़ज़ल - जसवीर सिंह हलधर

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दुश्मन भले जहान है पर बेमिसाल है ।

दुनिया कहे महान है आभा विशाल है ।

वो खूब सावधान था बचकर निकल गया ,

खतरे में उसकी जान है तीखा सवाल है ।

डरने लगा चुनाव की आहट से आज वो ,

कानून वापसी हुआ हमको मलाल है ।

है कौन उसके काम पर उँगली उठा सके ,

या तो ज़लील शख़्स है या फिर दलाल है ।

पंजाब ने दिखा दिया सच आज देश को ,

हल्दी मिली कपीश को सच्ची मिसाल है ।

योगी बनाम भोगियों में जंग हो रही ,

थामे खड़ा फ़क़ीर वो सच की मशाल है ।

जिन्ना जुनून देश में दिखने लगा मुझे ,

अब खालसा करने लगा फिर से वबाल है ।

"हलधर" कहे ग़ज़ल जिसे वो तल्ख़ तेवरी ,

ठुकरा सके बयान ये किसकी मजाल है ।

जसवीर सिंह हलधर , देहरादून