हिन्दी (दोहा) - रूबी गुप्ता
Sep 14, 2021, 23:29 IST
| हिन्दी इक भाषा नहीं, है अपनी पहचान।
दिल में बसती है सदा, है भारत की आन।।
भिन्न-भिन्न है बोलियाँ, लेकिन सच यह मान।
हम सब मिलकर एक हैं, अरु हिन्दी अभिमान।।
शब्द-शब्द अमृत बरसे, राष्ट्र की है पहचान।
सकल विश्व हरदम करता, हिन्दी का गुणगान।।
हमसे यह मत पूछिये, किससे कितनी प्रीत।
अलग-अलग है रीतियाँ, हिन्दी अपनी मीत।।
विश्व पटल पर जाएगा , अपना हिन्दुस्तान।
देश प्रेम दिल में रहें, भारत बनें महान।।
प्यारी हिन्दी हो सदा, भारत की पहचान।
रूबी सी जगमग रहें, हिन्दी सबकी जान ।।
- रूबी गुप्ता, कुशीनगर, (उत्तर प्रदेश)