हे मां शारदे - कालिका प्रसाद

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मां शारदे मेरे मन का तिमिर हर ले,

ज्ञान का दीपक जला मेरे हृदय में,

सत्य ,साहस, दया क्षमा का दान दे,

 हे मां शारदे अपनी करुणा बरसाओ।

लोभ, लिप्सा  का हरण  कर दो,

 मां  मन का अंधियारा  का हरण कर,

जन-जन के प्रति स्नेह का भाव जागे,

हे मां शारदे अपनी करुणा बरसाओ।

विमल  मति  मां मन  में भर दो

हृदय तल में उल्लास हो हर वक्त,

ऋद्धि, सिद्धि सुबुद्धि स्वाश्रम दात्री,

हे मां शारदे अपनी करुणा बरसाओ।

तेरे  वीणा के  मधुर स्वर कानों में गूंजे

वाग्देवी  हे  मां  शारदे,

जयति जय  हो  तुम्हारी

हे मां शारदे अपनी करुणा बरसाओ।

- कालिका प्रसाद  सेमवाल,

मानस सदन अपर बाजार,

रुद्रप्रयाग   उत्तराखंड