कह चुकी सौ बार तुमसे = अनुराधा पाण्डेय 

 | 
pic

मैं तुम्हारे योग्य कब थी?

कह चुकी सौ बार तुमसे.....

कह चुकी सौ बार, तुमने

धूल को सिर से लगाया

प्रेम के सर्वोच्च पद पर ,

एक अहमक को बिठाया

कह पायी मैं अभागी....

आज तक है प्यार तुमसे

कह चुकी सौ बार तुमसे

और मुझको मत सराहो,

पीर तुमको ही मिलेगी

जानती हूँ मैं जूही

जो प्रणय नत हो खिलेगी

सोचती हूँ अब मिलूंगी ,

सृष्टि लय के पार तुमसे

कह चुकी सौ बार तुमसे

कह चुकी सौ बार, तुमसे

डाल से इक पुष्प टूटी

मैं अनर्गल कर सकती,

सद्य अभिनय हाय ! झूठी

किन्तु इतना तो कहूंगी...

हारना स्वीकार तुमसे

मैं तुम्हारे योग्य कब थी? ,

कह चुकी सौ बार तुमसे

= अनुराधा पाण्डेय, द्वारिका, दिल्ली