ग़ज़ल ----डॉ० अशोक 'गुलशन'
Jul 9, 2021, 22:03 IST
| भाई-भाई कितने दिन,
रोज लड़ाई कितने दिन।
माई-दाई कितने दिन,
और लुगाई कितने दिन।
दिल से दिल मिल जाने दो,
यह गहराई कितने दिन।
इनसे लेकर उनको दो,
यह चतुराई कितने दिन।
सारे अन्तर खत्म करें,
खाई-खाई कितने दिन।
बातों में कुछ दम भी हो,
हवा-हवाई कितने दिन।
‘गुलशन’ इक दिन जाना है,
दुआ-दवाई कितने दिन।
----डॉ० अशोक ''गुलशन'', बहराइच उत्तर प्रदेश