गाँधी जी के विचार - झरना माथुर

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<>व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं है. ...

<>कमजोर कभी क्षमाशील नहीं हो सकता है. ...

<>ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है. ...

<>धैर्य का छोटा हिस्सा भी एक टन उपदेश से बेहतर है.

<>गौरव लक्ष्य पाने के लिए कोशिश करने में हैं, न कि लक्ष्य तक पहुंचने में.

    लालबहादुर शास्त्री -

<>सादगी थी आंखों में, लिहाज से बड़े देसी थे,

     तालीम थी बड़ी, देश के दूसरे प्रधानमंत्री थे।

<>किसान और जवान की जय कहने वाले,

    हिंदुस्तान के नेता थे वो बड़े मतवाले।

 - झरना माथुर, देहरादून (उत्तराखंड)