जन्म लिए मथुरा में - डा. रश्मि दुबे
कान्हा जन्म लिए मथुरा में और वृंदावन महको जाए,
कान्हा जन्म लिए मथुरा में और वृंदावन महको जाए ।
कारागार में आकाशवाणी, कंस को मारन आए,
इक नन्हा सा बालक आया, कन्या वेश छुपाए।
कान्हा जन्म लिए मथुरा में और वृंदावन महको जाए।
ईश प्रताप से सैनिक सो गए, ताले सब तुड़वाए,
कान्हा लेकर डलिया में, वसु गोकुलधाम को आए।
कान्हा जन्म लिए मथुरा में और वृंदावन महको जाए।
गोपी और ग्वाले सब मिलकर, कान्हा रूप बनाए,
सखियों के संग, रास रचाने यमुना तट पर आए।
कान्हा जन्म लिए मथुरा और वृंदावन महको जाए।
कंस सुने कान्हा के किस्से, गोकुलधाम को आए,
धाय बनाय पूतना भेजें, कान्हा को मरवाए।
कान्हा जन्म लिए मथुरा और वृंदावन महको जाए।
श्याम और बलराम ने जा कर कंस दियो मरवाए,
धरती पाप के बोझ से उबरी ,जन का मन हरसाय।
कान्हा जन्म लिए मथुरा में वृंदावन महको जाए।
द्वारका जाकर महल बनाया , द्वारकाधीश कहाय,
राजपाट छोड़ के इक दिन, अपने धाम को आए।
कान्हा जन्म लिए मथुरा वृंदावन महको जाए।
- डा. रश्मि दुबे, गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश)