दिवाली - जया भराड़े बड़ोदकर

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तन मन में दीप जले

खुशियों के फूल खिले।

चारो ओर चमन में,

सुख चैन और शांति के,

रीत और मीत मिले।

सुगंधित बहे हवा,

मीठे मिठाई सजे,

तरह तरह के

मनाते लोग,

आतिशबाजी खूब चले।

घर घर रंगोली,

और आकाश कंदिल

सुंदर सजे।

धरती से अम्बर तक

चारों ओर,

प्रेम का संगीत बहे।

हर दिल में हर पल,

आनंद हर्षो उल्लास बसे।

माता लक्ष्मी के

पूजन से सभी को,

सुख-समृद्धि और सुकूंन,

जीवन में सफलता मिले।

करूँ वंदन और प्रार्थना,

दीवाली की दूँ सभी को मै,

दिल से शुभ कामना,

एक-दूजे के गले मिले।

जया भराडे बडोदकर

नवी मुंबई, महाराष्ट्र