बेटियां - कलिका प्रसाद

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परिवार की  रौनक  होती है बेटियां,

आँगन   की  शोभा   होती है !

सौभाग्य की प्रतीक होती  बेटियां है,

मधुर  मन की  आवाज होती है!

अन्नपूर्णा का स्वरूप होती है,

जीवन का सार  होती है बेटियां।

ममता की खुशबू होती है बेटियां,

वक्त आने पर चट्टान सी कठोर होती है!

गंगा सी पवित्र होती है बेटियां,

दुर्जनों के दांत खट्टे कर देती है!

देश की प्रगति में हाथ बंटाती बेटियां,

पृथ्वी जैसी सहनशील  होती है बेटियां।

बेटियां   लक्ष्मी  का  रुप होती है,

ईश्वर का अनुपम उपहार होती है!

बाबुल  का प्यार होती  है बेटियां,

परिवार  के लिये  खास  होती  है!

चुटकी भर  सिंदूर  के  लिये ,

अपना  जीवन अर्पित कर देती  बेटियां।

दुख की बदली में सूर्य बन जाती,

ममता, माया,  दुलार  का रुप होती है!

कभी दुर्गा ,चंडी  और कभी महाकाली,

 बन  जाती  है  हमारी  बेटियां !

अबला कहने वालों को मौका आने पर,

आसमान के तारे भी दिखाती बेटियां।

त्याग  प्रतिमूर्ति  होती  बेटियां,

धरती  सी  सहनशील  होती है!

एक शरीर के  अनेक  रुप होते इनके,

कोमल हृदय की  होती  है बेटियां!

जगदम्बा का  रुप  होती है बेटियां,

ईश्वर का वरदान होती हो बेटियां।

- कालिका प्रसाद सेमवाल

मानस सदन अपर बाजार, रुद्रप्रयाग उत्तराखंड