दोहे = रीतू गुलाटी

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सीता माँ के लाड़ले,ले लो हनुमत नाम।

महिमा अपरम्पार है, बनते बिगड़े काम।।

अतुलित बल इनमे बसे, रखे भक्त का मान।

प्रभु के चरणो में मिले,अजर अमर वरदान।।

बाधा  मेरी तुम हरो,  संकट मोचन आप।

मन में जो है बस रहें, दूर करो सब पाप।।

कष्ट सभी के अब हरें,पवन पुत्र हनुमान।

दीनो  का संकट हरे, दे  देते  वरदान.।।

हनुमत कहतें आपको, दुष्ट रूके न एक।

भक्ति मिले प्रभु राम की, मिलते रूप अनेक।

प्रभु राम की भक्ति मिले,संकट में जब आप।

हर दिन शुभ होता रहे,पवन पुत्र का जाप।।

= रीतूगुलाटी ऋतंभरा,हिसार , हरियाणा