भोजपुरी गीत - (जाइब जरूर से) - अनिरुद्ध कुमार

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इहे बा गुजारिश हमार, मालिक हुजूर से।

हमरा के छुट्ठी दीही, देखि मत घूर के।

भईआ पेठवले खबर, चिकमंगलूर से,

जनाना बेमार बाड़ी, जाइब जरूर से।।

   

भईल बा बिमारी कौन, का कहीं दूर से।

दुखिया बेचारी धनिया, रहस मजबूर से।

बाल बच्चा छोटे छोट, सबे बेलूर के।

जनाना बेमार बाड़ी,  जाइब जरूर से।।

फूस के पलानी बावे, छावल खजूर से।

ना कोई देखे वाला, दुखिया जबूर के।

चैन बा बेचैन चाहीं, उड़ जैती फुर से।

जनाना बेमार बाड़ी, जाइब जरूर से।

पातर दूबर बाड़ी तनि, रहेली सबुर से,

ठंडा कंपावत होखी, धनि मजबूर के।

सरदी बोखारो होखी, हवा के झूर से।

जनाना बेमार बाड़ी,  जाइब जरूर से।

पेट पापी ले आईल, बा कदर लूर के,

बिन रुपया कईसे चली, जीवन सहूर से।

तनिको जे देरी होई, खुली बस दूर के,

जनाना बेमार बाड़ी, जाइब जरूर से।

जाने कौन चूक भईल, दीन मजदूर से।

बिधाता नाराज बाड़े, कौनो कसूर से।

देव गोहरावत बानी, हाँथ गोड़ तुड़ के,   

जनाना बेमार बाड़ी,  जाइब जरूर से।   

होखी ना सहाय तनिका,पूजब जरूर से।

मन नाहीं लागे सुनली, रहीं मजबूर से।

धरब गाड़ी भोर वाली, जा बैंगलूर से।

जनाना बेमार बाड़ी, जाइब जरूर से।       

- अनिरुद्ध कुमार सिंह,

सिन्दरी, धनबाद, झारखंड।