बावरी को तो बस बावरा चाहिए - किरण मिश्रा

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दिल की धड़कन को तो, साँवरा चाहिए,

मुझको तुम सा अब दूसरा चाहिए।

बावरी को तो बस बावरा चाहिए !!

कृष्ण वंशी बजे , नृत्य राधा करे,

गोपियाँ भी मगन रास लीला करें,

सुबह भी शाम भी मन घिरा चाहिए,

बावरी को तो बस  बावरा चाहिए!

प्यास सदियों की है, तन अमानत तेरा,

तेरी बाहों में खिलता, मन कँवल हो मेरा

जन्म भर बस तेरा आसरा चाहिए ,

बावरी को तो बस बावरा चाहिए !

मेरी पलकों पे जो पलकें अपनी धरें ,

मेरे होंठों की मदिरा को छक कर पिये,

ऐसा कोई मुझे सिरफिरा  चाहिए.. !

बावरी को तो बस बावरा चाहिए !

- किरण मिश्रा "स्वयंसिद्धा ", नोएडा