महंत नरेंद्र गिरि केस में सीबीआई ने तीनों आरोपियों से 7 घंटे की पूछताछ

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vivratidarpan.com प्रयागराज। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत मामले में तीनों आरोपियों से सीबीआई ने मंगलवार को सात घंटे तक कड़ी पूछताछ की. प्रयागराज के पुलिस लाइन गेस्ट हाउस में सीबीआई के अधिकारियों ने रिमांड पर लिए गए तीनों आरोपियों आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी से अलग-अलग पूछताछ की। सुबह 11 बजे से शाम छह बजे तक सात घंटे तक चली पूछताछ में सीबीआई ने पहले से तैयार किये गये सवालों की सूची से सवाल पूछे. हालांकि ज्यादातर सवालों के आनंद गिरि ने जवाब दिये लेकिन कुछ सवालों का उत्तर हां और नहीं में ही दिया. इसके साथ ही सीबीआई के कुछ सवालों का जवाब आनंद गिरि ने सिर हिला कर भी दिया.

सीबीआई ने कथित वीडियो और सीडी के बारे में भी आनंद गिरि से पूछताछ की. आनंद गिरि सीबीआई के सवालों से कई बार असहज भी हुआ और उसने अधिकारियों से पीने के लिए पानी भी मांगा. इस दौरान आनंद गिरि बार-बार अपने निर्दोष होने की दुहाई भी देता रहा. हालांकि सीबीआई पर आनंद गिरि की दलीलों का कोई असर नहीं हुआ और सीबीआई के सवाल लगातार तीखे होते गए.

सीबीआई ने आनंद गिरि से यह पूछा कि उसे महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बारे में सबसे पहले जानकारी कब और किसने दी? जिसके बाद उसने एक वीडियो जारी कर सफाई भी दी, जबकि तब तक उसके खिलाफ एफआइआर भी दर्ज नहीं हुई थी. सीबीआई टीम ने आनंद गिरि से हरिद्वार में बन रहे उसके आश्रम के बारे में भी पूछताछ की. सीबीआई ने पूछा कि इसके निर्माण के लिए धन का इंतजाम कैसे और कहां से किया गया? सीबीआई ने आनंद गिरि से पूछा कि जब उसके गुरु से मतभेद के बाद समझौता हो गया था. इसके बावजूद वह बाघम्बरी गद्दी से दूर क्यों रहा?सीबीआई ने महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी रहे आद्या प्रसाद तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी से अलग-अलग पूछताछ की. सीबीआई की पूछताछ में उन्होंने अपने को बेगुनाह बताते हुए अपने उपर लगाये गए आरोपों से साफ तौर पर इनकार किया.

वहीं सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली कि सीबीआई ने साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी भी कराई गई है. इसमें किसी व्यक्त‍ि की मौत से पहले के दो हफ्तों के बारे में पता किया जाता है. इसमें ये पता लगाने की कोशिश की जाती है कि मृतक दो हफ्ते पहले किस ढंग से सोच रहा था‌? उसने कहां पर वक्त बिताया था, किनसे बात की थी?अगर बात की तो किस तरह की बात की थी? मरने वाले का लोगों के साथ व्यवहार कैसा था? क्या मरने वाले में सुसाइडल टेंडेंसी भी नजर रही थी? आम तौर पर ऐसे मामलों में सीबीआई साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी भी कराती है. सीबीआई टीम ने आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी की साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी करायी है।