आनंद गिरी को लेकर देहरादून पहुंची सीबीआई

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vivratidarpan.com हरिद्वार: महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत की जांच कर रही सीबीआई टीम बुधवार को उनके आरोपी शिष्य आनंद गिरी को लेकर देहरादून पहुंची. सीबीआई आनंद गिरी को पूछताछ के लिए हरिद्वार स्थित उनके आश्रम ले जा सकती है। आपको बता दें कि मंगलवार को हरिद्वार में आनंद गिरी के सील किए जा चुके आश्रम से सीसीटीवी का डीवीआर चुराने का प्रयास किया गया. स्थानीय लोगों ने चोर को पकड़कर पुलिस के हवाले किया. चोर के पास से पुलिस ने सीसीटीवी का डीवीआर बरामद कर लिया है.
चोरी के प्रयास की इस घटना के बाद ही बुधवार को सीबीआई टीम आनंद गिरी को लेकर दूहरादून पहुंची. माना जा रहा है कि सीसीटीवी के डीवीआर में महंत नरेंद्र गिरी के मौत से जुड़ा कुछ राज हो सकता है, इसीलिए डीवीआर चुराने का प्रयास किया गया. इस केस में पुलिस ने आनंद गिरी के अलावा बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को हिरासत में लिया था. फिलहाल तीनों सीबीआई रिमांड में हैं. आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को सीबीआई टीम अभी पुलिस लाइन में ही रखकर पूछताछ कर रही है.
इससे पहले सीबीआई ने मंगलवार को प्रयागराज में महंत नरेंद्र गिरी सुसाइड केस में तीनों आरोपियों आनंद गिरी, आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी से पुलिस लाइन के अलग-अलग कमरों में पूछताछ की. फिर तीनों को एक साथ बैठाकर देर रात तक सवाल पूछे. सूत्रों की मानें तो महंत नरेंद्र गिरी को ब्लैकमेल करने के लिए अश्लील सीडी के सवाल पर आनंद गिरी कई बार फूट-फूटकर रोया. हर बार यही कहता रहा कि मैंने अपने गुरु को ब्लैकमेल नहीं किया. मेरे पास कोई सीडी नहीं है. गौरतलब है कि महंत के कमरे से बरामद उनके कथित सुसाइड नोट में लड़की और अश्लील फोटो, वीडियो का जिक्र था.
सीबीआई के सवाल पर आनंद गिरी कहा कि वह अपना मोबाइल और लैपटॉप पहले ही पुलिस को दे चुका है और उसके पास ऐसा कोई वीडियो और सीडी नहीं है. सीबीआई ने आनंद से साधु, संत और महंत बनने की कहानी पूछी. आनंद ने अपने साधु बनने से लेकर निरंजनी अखाड़े से जुड़ने और फिर महंत नरेंद्र गिरी के संपर्क में आकर, लेटे हनुमान मंदिर में ‘छोटे महाराज’ बनने की पूरी कहानी बताई. आनंद ने महंत नरेंद्र गिरी से अपने संबंध खराब होने के पीछे कई लोगों को जिम्मेदार बताया. उसने सीबीआई को बताया कि आशीष गिरी के कथित सुसाइड केस में जांच की मांग करने पर दोनों के संबंधों में और खटास आई थी.
आनंद गिरी सीबीआई के सवालों को जवाब देते हुए बीच-बीच में अटक रहा था. आनंद के निरंजनी अखाड़े से निष्कासन के बाद उसके द्वारा मीडिया में दिए गए बयानों का भी सीबीआई ने संज्ञान लिया. आनंद गिरी ने सीबीआई को यह भी बताया कि कैसे कुछ लोगों के प्रयास से लखनऊ में महंत नरेंद्र गिरी के साथ उसका लिखित समझौता हुआ. लेकिन बाघंबरी मठ और निरंजनी अखाड़े में उसका प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया. पूछताछ के दौरान आनंद ने सीबीआई अधिकारियों से पीने के लिए पानी भी मांगा, इस दौरान वह बार-बार अपने निर्दोष होने की दुहाई भी देता रहा.
सीबीआई पर आनंद गिरी की दलीलों का कोई असर नहीं हुआ और सवाल लगातार तीखे होते गए. सीबीआई ने आनंद गिरी से यह भी पूछा कि महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बारे में उसे सबसे पहले जानकारी कब और किसने दी? मौत की खबर सुनने के तुरंत बाद उसने एक वीडियो जारी कर सफाई दी थी, जबकि तब तक उसके खिलाफ एफआइआर भी दर्ज नहीं हुई थी. सीबीआई टीम ने आनन्द गिरी से हरिद्वार में बन रहे उसके आश्रम के बारे में भी पूछताछ की, इसके निर्माण के लिए धन का इंतजाम कैसे और कहां से किया गया इस बारे में जानकारी ली.