हम साथ-साथ हैं - सुनील गुप्ता
Feb 19, 2025, 22:09 IST
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(1) चलें
हम सँग-साथ,
यूँ ही हाथों में, हाथ पकड़ते !
और चलें सभी दुःख-सुख बाँटते....,
यूँ ही सदा, प्रेम-विश्वास जतलाते !!
(2) मिले
जब से हम दोनों,
चुनी एक राह, मिल के हमने !
कुछ सपने, यहाँ देखे-बुनें तुमने....
और कुछ लक्ष्य, किए तय हमने !!
(3) गिले
शिकवे सभी भूलाते,
जीवन सफर पे, गए बढ़ते !
और सभी दंभ-अहम् को छोड़ते....,
चले मंज़िल शिखर को चूमते हँसते !!
- सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान