सब की जननी, जग की जननी - सुनील गुप्ता
Mar 8, 2025, 22:48 IST
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( 1 ) सब की जननी
जग की जननी,
माता बहना पुत्री पत्नी वही !
आओ करें मिलकर सम्मान इनका...,
इनसे बढ़े, आत्मसम्मान हमारा ही !!
( 2 ) नारी ही भगवती
शक्ति भक्ति सरस्वती,
सविता दुर्गा माँ अन्नपूर्णा वही !
आओ तन मन लगा दें इनकी सेवा में..,
श्रद्धा प्रेम समर्पण से मिले, हमें राह सही !!
( 3 ) नारी ही कल्याणी
शक्ति स्वरूपा सृष्टि,
है जीवन की धूरी वही !
आओ सच्चे मन से सेवा करें इनकी..,
यही चले तारते, करते भला सबका यहीं !!
- सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान