बसंत ऋतु आ गई - राजेश कुमार
Feb 3, 2025, 23:45 IST
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बसंत ऋतु आ गई।
मौसम में बाहर छा गई।।
मस्ती भरी शीतलता को छोड़।
अब धूप भी लहरा गई।।
अब जाड़ा और ठिठुरन विदा हो रहे।
और द्वार पर गर्मी आ गई ।।
बसंत ऋतु आ गई।
मौसम में बाहर आ गई ।।
अब पेड़ पौधों में मस्ती छा गई ।पतझड़ की बहार आ गई।।
अब वृक्षों से पुराने पत्ते गिरेंगे ।
हरे भरे फिर नए-नए पत्ते खेलेंगे।
अब गर्मी आंख दिख रही ।।
बसंत ऋतु आ गई ।
मौसम में बाहर छा गई।।
- राजेश कुमार झा, बीना, मध्य प्रदेश