धुलते नहीं पाप - सुनील गुप्ता
Feb 14, 2025, 23:28 IST
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( 1 )" धुलते ", धुलते
नहीं पाप यूँ ही,
मात्र एक डुबकी भर लगा लेने से !
करने होंगे निष्काम यज्ञकर्म अनवरत...,
तभी धुल पाएंगे, ये सभी पाप यहाँ से !!
( 2 )" नहीं ", नहीं
पापों से होते हैं मुक्त,
कुछ पुण्यकर्म करने होते हैं हमें !
पहले के किए कर्मफलों को भोगना पड़ता..,
तभी मिलती है मुक्ति, इन पापों से हमें !!
( 3 )" पाप ", पाप
होंगे ही नहीं कभी हमसे,
यदि विचारों में न भरा हो हमारे गरल !
और सतत बनें रहें हम अपने ' स्व 'भाव में..,
तो, बना रहेगा ये तन-मन जीवन निर्मल !!
- सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान