अवगुण दूर करो बाबा - कालिका प्रसाद

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हे बाबा केदारनाथ जी,

मुझे अपने चरणों की धूल बनाओ,

जिससे मेरा शरीर, मेरी आत्मा,

सदा तुम्हारे आस-पास ही रहे,

मुझमें कभी कोई विकार न आवे।

हे काशी विश्वनाथ जी,

मुझे अपने मंदिर की सुलगती

धूप बना लो,

जिससे मेरे अवगुण दूर होकर,

सद्गुण मेरे शरीर में,

खुशबू बनकर समाहित हो जायें।

हे महाकाल

मुझे अपने मंदिर में गूंजती,

ओम' की ध्वनि सा प्रवाहमान कर दो,

चारों ओर गूंजती

तेरे नाम की ध्वनि,

मेरे तन मन में समाहित हो जाये,

ताकि मैं हमेशा सद् मार्ग पर चलूं।

हे बाबा बैजनाथ,

मुझे अपने धाम की,

जलते दीपक की लौ बना लो,

जिसमें मेरी आत्मा

तेरी ज्योति में विलीन हो जाये,

और मैं जन्म मरण के इस बन्धन से

हमेशा- हमेशा के लिए मुक्त हो जाऊं।

- कालिका प्रसाद सेमवाल

मानस सदन अपर बाजार

रुद्रप्रयाग उत्तराखंड