आराधिका राष्ट्रीय मंच पर विश्व हिंदी दिवस विषयक काव्य गोष्ठी संपन्न
Vivratidarpan.com - संस्थापिका / अध्यक्षा निधि बोथरा जैन के तत्वावधान में आराधिका राष्ट्रीय मंच पर विश्व हिंदी दिवस विषयक भव्य ऑनलाइन के उपलक्ष्य में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। 04 जनवरी 2025, संध्या 4:00 बजे से रात्रि 7: 00 बजे तक निरंतर 3:00 घंटे तक गतिमान रहकर भव्यता के साथ संपन्न हुई।
काव्यगोष्ठी का शुभारंभ प्रणय साहित्यिक दर्पण के संस्थापक/वरि. कवि प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव 'प्रणय' की वाणी वंदना से हुआ। तत्पश्चात संस्थापिका/ अध्यक्षा निधी बोथरा जैन, महासचिव सुधीर श्रीवास्तव ने मंचासीन अतिथियों का स्वागत, अभिनन्दन करते हुए अपने भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति प्रदान
पटल संरक्षिका/ वरिष्ठ साहित्यकार सरोज गर्ग की ओर से महासचिव सुधीर श्रीवास्तव ने सभी को अपना आशीर्वचन प्रदान करते हुए हिंदी के विकास पर बल देते हुए डा. जयंती प्रसाद नौटियाल के शोध का हवाला देते हुए कहा कि विश्व मे हिन्दी बोलने वाले ( 1356 मिलियन ) अर्थात 1 अरब 35 करोड़ 60 लाख हैं । हिन्दी जाननेवाले , अँग्रेजी जानने वालों से 1 करोड़ 52 लाख अधिक हैं और हिन्दी विश्व मे सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, जो विश्व भाषाओं की रैंकिंग में पहले स्थान पर है । यह तथ्य वैश्विक हिन्दी शोध संस्थान द्वारा जारी भाषा शोध रिपोर्ट 2021 के अंतिम परिणाम से सिद्ध हो चुका है । अतः हिन्दी निर्विवाद रूप से पहले स्थान पर है । इसे पहले स्थान पर ही दर्शाया जाना चाहिए ।
मंच सलाहकार अनिता बाजपाई (वर्धा) ने सभी साहित्यकारों का अभिनन्दन करते हुए मंच को सुशोभित किया ।अपनी अभिव्यक्ति के द्वारा महासचिव सुधीर श्रीवास्तव ने मंच पर उपस्थित सभी साहित्यकारों की गरिमामयी उपस्थिति के लिए साधुवाद ज्ञापन किया।
तत्पश्चात काव्य पाठ का सिलसिला शुरू हुआ।कुल 35 से अधिक कवियों कवयित्रियों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से काव्य गोष्ठी को ऊंचाइयों तक पहुँचाया।निधी बोथरा जैन, सतीश शिकारी और अनीता बाजपाई ने कुशल मंच संचालन के द्वारा काव्यगोष्ठी को सफलता प्रदान की
आयोजन को सफल बनाने में संरक्षिका सरोज गर्ग, सलाहकार अनीता बाजपाई , महासचिव सुधीर श्रीवास्तव का हमेशा की तरह सराहनीय योगदान रहा। सभी पदाधिकारियों और शुभचिंतकों की सक्रिय, गरिमामय उपस्थिति से आयोजन को सफल बनाने में सफलता प्राप्त हुई।
और अंत में संस्थापिका निधी बोथरा जैन ने सभी अतिथियों एवं साहित्यकारों का आभार ज्ञापित किया, जबकि भव्य काव्य गोष्ठी के विराम की घोषणा राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक कवि सतीश शिकारी ने की।