आराधिका राष्ट्रीय मंच पर 'श्री चित्रगुप्त जी भगवान' का लोकार्पण एवं काव्य गोष्ठी संपन्न 

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Vivratidarpan/com - आराधिका राष्ट्रीय मंच की 21वीं राष्ट्रीय काव्य गोष्ठी और मंच द्वारा प्रकाशित साझा काव्य संकलन 'श्री चित्रगुप्त जी भगवान' का आनलाइन लोकार्पण/ विमोचन कार्यक्रम भव्यता के साथ संपन्न हुआ।

संस्थापिका निधी बोथरा जैन के संयोजन में कार्यक्रम का शुभारंभ राम निवास तिवारी आशु कवि द्वारा वाणी वंदना से हुआ। तत्पश्चात मंच संरक्षिका सरोज गर्ग 'सरू' ने सभी का स्वागत करते हुए शुभकामनाएं, बधाइयाँ आशीर्वाद प्रदान किया।मंच महासचिव सुधीर श्रीवास्तव ने हमेशा की तरह सभी से सहयोग, सामंजस्य के साथ आयोजन की सफलता की कामना की।सलाहकार अनीता बाजपाई ने सभी कवियों कवयित्रियों का स्वागत अभिनंदन किया गया।

तत्पश्चात संपादक द्वय, मंच संस्थापिका/कवयित्री निधी बोथरा जैन एवं मंच महासचिव वरिष्ठ कवि सुधीर श्रीवास्तव ने साझा संकलन का संयुक्त रूप से लोकार्पण कर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह संग्रह अपने आप में अद्भुत और विशिष्ट है। आज भी भगवान चित्रगुप्त जी को लेकर तरह तरह की भ्रांतियां है और उन्हें केवल कायस्थों का देवता माना जाता है, जो कि पूर्णतया असत्य है। भगवान चित्रगुप्त जी लेखन कर्म के देवता हैं, और संसार के सभी प्राणियों के हर पल के कर्मों का लेखा जोखा रखते हैं।

इसके अलावा सतीश शिकारी, शैलेन्द्र अंबष्ट एवं संतोष श्रीवास्तव विद्यार्थी पार्वती देवी आदि ने भी संकलन पर अपने विचार व्यक्त करते हुए विषय वस्तु के चयन और रचनात्मकता की तारीफ की।

इसके काव्य गोष्ठी में लगभग 40 कवियों कवयित्रियों ने शीत ऋतु पर अपनी बेहतरीन रचनाओं से गोष्ठी को ऊंचाइयाँ प्रदान की। गोष्ठी का संचालन निधि बोथरा जैन व सतीश शिकारी ने संयुक्त रूप से किया।

अंत में वरिष्ठ कवि सतीश शिकारी ने सभी का आभार धन्यवाद करते हुए कार्यक्रम के विराम की घोषणा की।