मां - कालिका प्रसाद मां - कालिका प्रसाद
Updated: May 31, 2023, 23:36 IST
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सम्भव नहीं मैं तेरा अहसान चुकाऊं
मां जीवन भर मैं तेरा गुणगान करूँ,
आती है जब बचपन की यादें,
मां आंखों में आंसू आ जाते हैं।
वो दिन सचमुच बहुत अच्छे थे
जब हम छोटे से बच्चे थे,
मां तेरी गोद में हम सोते थे
मां तुझसे लिपट कर बहुत रोते थे।
तुमने अपनी रातों की निद्रा को
मां मुझ पर वारी की है,
तेरी ममता का हर दिन मैं रसपान करु
माँ सचमुच तू करुणा की देवी है।
मुझे सबसे सीधा व भोला समझती थी
मेरे नटखट पन को भूल बताती थी,
मुझे तुम्हारे प्रेम की जो सुधा मिली
सच में तुम वसुंधरा सी सहनशील हो।
तुम्हारे वात्सल्य का दीप राह बताते है,
तिमिर युक्त राहों में तुम राह दिखाती हो।
तुम्हारे हृदय को मैं न कभी दुखाऊँ ।
तेरे आशीष जन्म जन्म रसपान करूँ।
- कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रुद्रप्रयाग उत्तराखंड
पिनकोड 246171