माँ सरस्वती - सुनील गुप्ता

( 1 )' माँ ', माँ शारदे भगवती वाग्देवी सरस्वती
करते हैं नमन वंदन स्तुति !
आपसे मिलती हमको नव शक्ति....,
करें नित बारम्बार, आपकी भक्ति !!
( 2 )' स ', सरस विरल हे ज्ञानदेवी सविता
सदैव बनाए रखना हम पे कृपा !
आपसे मिलती हमें नव ऊर्जा चेतना....,
बरसाते रहना हम पर, प्रेम दया करुणा !!
( 3 )' र ', रहती हो, आप ह्रदय में
बसती हो मन मस्तिष्क विचारों में !
आपसे पाकर नित्य नव प्रेरणा शक्ति....,
बढ़ते रहें सतत आगे, जीवन पथ में !!
( 4 )' स् ', स्वर राग लय ताल संगीत
सभी कुछ आपसे हर्षाते चला आए !
आप ही हो हरेक रचना के मूल में.....,
बिन आपके कुछ, सृजन नहीं हो पाए !!
( 5 )' व ', वरदे माँ वीणादायिनी हमें
कि, सदैव ये वरदहस्त आपका बना रहे !
और मिलती रहे सदविचारों की प्रेरणाएं......,
नित जीवन में, उन्नति पथ पे बढ़ते रहें !!
( 6 )' ती ', तीक्ष्ण बुद्धि विवेक बनाए रखना
माँ वागीश्वरी कृपा दया हम पर बरसाना !
विद्या वाणी की अधिष्ठात्री आद्यादेवी...,
सदा ज्ञान उजियारे से झोली भरते चलना !!
( 7 ) माँ सरस्वती आप ही हो आदिपरम शक्ति
आपकी आराधना से हमारे ज्ञानचक्षु खुलें !
करें श्रीब्रह्मा, विष्णु, महेश आपकी स्तुति...,
श्वेत कमल पे विराजे, शुभ्र दिव्य रुप खिले !!
- सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान