गीत - कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

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प्रतिभावान एक जननायक, याद  अटल जी को कर लेना।

पल दो पल उनकी यादों का, पानी आँखों में भर लेना।

वक्ता प्रखर हृदय कोमल था, ओज  प्रेम रग रग में था।

चले देश हित वह जीवन भर, दृढ़ निश्चय पग पग में था।

विश्व पटल पर भारत लाये, ध्यान जरा सा यह धर लेना।1

पल दो पल उनकी यादों का, पानी आँखों में भर लेना।

राजनीति में इतने पटु थे, जग ने लोहा माना था।

सत्ता में या हो विपक्ष में, चेहरा वह पहचाना था।

संसद के भीतर बाहर की,  वाणी को मन में भर लेना।2

पल दो पल उनकी यादों का, पानी आँखों में भर लेना।

लेखन उनका बड़ा प्रबल था, भाव भरा सम्प्रेषण था।

वाणी से सुर सरिता फूटे, यह सबका विश्लेषण था।

जो हृदय बसे थे जन जन के, याद सभी मन भर लेना।3

पल दो पल उनकी यादों का, पानी आँखों में भर लेना।

उनकी मनमोहक सी छवि को, मन में अंकित कर लेना।

पल दो पल उनकी यादों का, पानी आँखों में भर लेना।

- कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, उत्तर प्रदेश