शुक्रिया करना सीखें - रेखा मित्तल

नजरिया बदलो नजारे बदलेंगे
क्यों शिकायत करें उस ईश्वर से?
हमें सब कुछ नहीं मिला
पेट भरने का वादा किया है
पेटियां भरने का तो नहीं ?
वह तो शाख पर बैठे परिंदो को भी
भूखे पेट सोने नहीं देता
हम तो फिर भी इंसान हैं
अपना भला-बुरा जानते हैं
क्यों सोचे क्या नहीं मिला ?
सोचे जरा बहुत कुछ मिला
नजरिया जरा बदल कर तो देखो
जिंदगी ही बदल जाएगी
दूसरों ने हमारे लिए क्या किया?
बजाए इसके विचारें यह
हमने दूसरों के लिए क्या किया
सदा अपने लिए ही क्यों जिए?
कभी औरों के लिए भी जीकर देखें
"मैं से हम "तक का सफर
मुश्किल तो है जरूर
पर तय करके तो देखो
जिंदगी बहुत आसान हो जाएगी
जीवन बिता दिया संग्रह करते करते
उन सांसारिक वस्तुओं का
जो साथ में नहीं जाएंगी
चलिए दोस्तों,शुरुआत करें कुछ नई
किसी की सहायता करके तो देखो
जीवन की छोटी-छोटी खुशियों में
खुश और संतुष्ट रहना सीखो
शिकायत की बजाए शुक्रिया करना सीखें !
- रेखा मित्तल , चंडीगढ़