फलों का राजा - सुनील गुप्ता

फलों का राजा आम है
और लगे है सबको प्यारा !
खाएं सुबह ओ शाम इसे.....,
करे सबके दिल पे राज न्यारा !!1!!
हैं फल वैसे तो बहुतेरे
पर, आम की बात है निराली !
स्वाद है इसका अमृततुल्य.....,
और बने मिठाई इसकी रसीली!!2!!
क्या बूढ़े, बच्चे जवान
हैं सब इसके बड़े ही मुरीद !
खाने में आम पहली पसंद....,
लाएं सभी इसे खरीद !!3!!
हैं आम के कई रुप प्रकार
सबकी पसंद के आम हैं मिलते !
जिसको जैसा है यहां भाए......,
वैसा ही आम घर पर लाते !!4!!
कच्चे आम से बनता है अचार
तो, पक्के आम से पापड़ मीठे !
सब खाते हैं चटखारा लेकर.....,
और दिनभर अमरस मीठा पीते !!5!!
हैं बचपन के दिन सभी को याद
जब तोड़-तोड़के पेड़ों से लाते थे आम !
और माली भाग-भागकर पीछे.....,
दौड़ा करता था हमको परेशान !!6!!
अब कहां बची आमों की बगिया
सब चढ़ गई शहरों की है भेंट !
दूर दराज से आते हैं आम.......,
कहां दिखते आम पेड़ों के खेत !!7!!
राज करे सभी के दिलों पर
प्रिय फलों का राजा आम !
चले सभी को ये हर्षाए......,
करें पसंद सभी यहांपर आम !!8!!
करे आमपेय शीतल है मन को
और तासीर है ठंडी इसकी !
गर्मी में ये सभी को है भाए.....,
पहचान अनमोल है इसके रस की !!9!!
-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान