कविता - जसवीर सिंह हलधर

 | 
pic

गुरु नानक उच्च विचारों का क्या मोल चुकाएगा भारत ।

गुरुओं पर अत्याचारों का क्या मोल चुकाएगा भारत ।।

मुगलों द्वारा कश्यप कुल के शोषण का जो संज्ञान लिए ।

वैदिक मूल्यों की रक्षा में अपना जीवन बलिदान किए ।

गुरु तेग लहू की धारों का क्या मोल चुकाएगा भारत ।।1

एक मां ने बेटे चार जने चारो भारत पर लुटा दिए ।

दो दीवारों में चुने गए दो समर भूमि ने मिटा दिए ।

गुरु मां के राज दुलारों का क्या मोल चुकाएगा भारत ।।2

पैदा होने से मृत्यु तलक मुगलों का खून बहाया था ।

चिड़ियों से बाज लड़ाने का जो मंत्र हमें सिखलाया था ।

गुरु गोविंद की ललकारों का क्या मोल चुकाएगा भारत ।।3

मुगलों का खून बहाया था सिक्खों ने हार नहीं मानी ।

जी भर के रक्त बहाया है नदियों में ज्यों बहता पानी ।

रण में लहरी तलवारों का क्या मोल चुकाएगा भारत ।।4

सरदारों ने ही झेला था जलियांवाला भीषण तांडव ।

 कौरवी फिरंगी सेना से लड़ते गुरु के प्यारे पांडव ।

गुरू के प्यारे सरदारों का क्या मोल चुकाएगा भारत ।।5

बदला लेने जो जा पहुँचा डायर की उन करतूतों का ।

ये एक उदाहरण काफी है भारत के सिक्ख सपूतों का ।

ऊधम जैसे दिलदारों का क्या मोल चुकाएगा भारत ।।6

वो भगत सिंह था दीवाना इतिहास बनाकर चला गया ।

परतंत्र अंधेरे आंगन में आशा का दीपक जला गया ।

फांसी पर झूले यारों का क्या मोल चुकाएगा भारत ।।7

एक लाल लकीर खिंची ऐसी गुरु नानक का घर ले बैठी ।

इस पर भी गांधी की टोपी दिखती अब भी ऐंठी ऐंठी ।

सैंतालीस के बटवारों का क्या मोल चुकाएगा भारत ।।8

इंद्रा गांधी की हत्या तो एक आतंकी घटनाक्रम था ।

इस पर सुनियोजित दंगे का नेहरू पीते का उपक्रम था ।

उन राख हुए गुरुद्वारों का क्या मोल चुकाएगा भारत ।।9

लड़ गये कबंध सरहदों पर कट गए शीश परवाह नहीं ।

ये कौम बहादुर इतनी है वाणी में जिसकी आह नहीं ।

रणजीत सिंह हुंकारों का क्या मोल चुकाएगा भारत ।।10

जो गांधारों पर काबिज़ था ये बात हरिसिंह नलुआ की ।

अफगानों पर शासन करना ये बात न पूरी हलुआ की ।

ऐसे सिक्ख पहरेदारों का क्या मोल चुकाएगा  भारत  ।।11

इतिहास गवाही देता है ये हिम्मत कौम नहीं हारी ।

मुगलों के सम्मुख लड़ी सदा अंग्रेजों से मारा मारी ।

गुरु अंगद के हत्यारों का क्या मोल चुकाएगा भारत ।।12

गाली के बदले में गाली  गोली के बदले में गोली ।

सीधी साधी ये कौम जाट सीधी सादा इसकी बोली ।

'हलधर' कवि के उदगारों का क्या मोल चुकाएगा भारत ।।13

 -  जसवीर सिंह हलधर, देहरादून