जयपुर - सुनील गुप्ता

( 1 )" ज ", जयसिंह
ने बसायो म्हारो शहर
छोटी काशी नाम से जानो जाए !
है गुलाबी शहर की शान निराली..,
चौड़ी न्यारी सड़का, सभी को लुभाए !!
( 2 )" य ", यथार्थ
में ये पर्यटक नगरी,
मौसम यहां रहे गुलाबी-गुलाबी !
आ जाए जो एक बार यहां पर....,
उसके तन-मन बस जाए प्यारी छवि !!
( 3 )" पु ", पुरातन
धर्म संस्कृति धरोहर समेटे,
चला तीव्र विकास पथ पे जयपुर !
यहां के मंदिर महल किले चौबारे...,
बनाए हैं इसे, विश्व प्रसिद्ध शहर !!
( 4 )" र ", रहन-सहन
यहां का ठेठ मारवाड़ी,
जाना जाए ये खान-पान के लिए !
पहन पारम्परिक वेशभूषा पगड़ी चुनरी.,
चलें लोग-लुगाई, गीत गाते घूमर हर्षाए !!
( 5 )" जयपुर ", जयपुर
राजधानी राजस्थान री,
आन बान शान इसकी निराली !
नित पूजे जाएं आराध्यदेव श्रीगोविंददेवजी
चलें भरते जीवन में, ये आनंद खुशहाली !!