गजल - ऋतु गुलाटी
Fri, 24 Feb 2023
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पिया हमको जमी पर सितारों सा लगा होता,
अगर तू मुस्कुरा कर संग मेरे हमनवां होता।
हमें तेरी मुहब्बत का नशा सा हो गया देखो,
लगे अब साथ तेरा कुँदन सा यारा खरा होता।
गिला तुमसे नही होता अजी गर साथ तुम देते,
अगर जो दरमियाँ तेरे मेरे इक फासला होता।
हमारी चाह है तुमसे कहे हर बात दिल की मैं,
रहो तुम साथ मेरे भी सदा ये फैसला होता।
जुदाई अब सहे कैसे,हुआ है इश्क जब तुमसे,
सजा लो तुम कभी गुलशन बगीचा भी हरा होता।
- ऋतु गुलाटी ऋतंभरा, मोहाली, चंडीगढ़