ग़ज़ल - रीता गुलाटी
Jan 16, 2025, 23:11 IST
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हुआ इश्क तुमसे सभी को बता दो,
मेरे दिल मे साजन खुशी को जगा दो।
नही प्यार मे कोई होती जमानत,
हुआ प्यार तुमसे है हमको सजा दो।
नजारे हँसी है भले वादियों के,
फिंजा है खिली यार, तुम मुस्कुरा दो।
उदासी घिरी लब पे सूना दिया भी,
चरागे-मुहब्बत को आकर जला दो।
नही जी सकूँगी बिना आपके मैं,
मुहब्बत का मेरी मुझे तुम सिला दो।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़