ग़ज़ल - रीता गुलाटी
Jan 7, 2025, 22:21 IST
| गीत सबको सुनाना नये साल मे।
रँग जमाना हमे अब नये साल मे।
यार वादा निभाना नये साल मे।
कुछ नया कर दिखाना नये साल मे।
जीत लेगे दिलो को नये साल मे।
करके कुछ है दिखाना नये साल मे।
वक्त की धार मे बह गयी जिंदगी।
हौसला अब बचाना नये साल मे।
दिल दिवाना हुआ यार मेरा बड़ा।
झूम कर आज गायें नये साल मे।
छोड़ कर जो गया वो बसा है कहाँ?
आज उसको बुलाना नये साल मे।
ख्याब टूटा है*ऋतु का कहे आपसे।
फिर नया ख्याब बुनना नये साल मे।
- रीता गुलाटी ऋतंभरा, चण्डीगढ़