गजल - मधु शुक्ला
Mar 9, 2025, 23:47 IST
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उन्हें मौन रहना सिखाया गया है,
पराये घरों में बसाया गया है।
न अवगुण बताओ उन्हें आप उनके,
उन्हें पाठ बस ये पढ़ाया गया है।
रहमो-करम है खजाना तुम्हारा ,
यही साथ उनके भिजाया गया है।
बराबर बताकर न अधिकार देना,
अजब सिलसिला 'मधु' चलाया गया है।
नहीं खर्च कोई परिश्रम भयंकर,
तभी देवि तमगा लुटाया गया है।
--- मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश