गीतिका - मधु शुक्ला
Feb 17, 2025, 23:36 IST
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संतान को सॅ॑भलकर चलना सिखा रहे हैं,
माता पिता उन्हें हर दुख से बचा रहे हैं।
पाये सुयश हमारी संतान कामना यह,
बलवान शुचि प्रयासों द्वारा बना रहे हैं।
उत्तम प्रदान शिक्षा करते रहें हमेशा,
अनुभव तमाम अपने उन पर लुटा रहे हैं।
ज्यौं ध्यान मग्न साधक ईश्वर चरण पखारे,
कुछ इस तरह जनक जी रिश्ता निभा रहे हैं।
अनभिज्ञ क्यों वफा से संतति हुई हमारी,
यह सोच-सोच पालक ऑ॑सू बहा रहे हैं।
-- मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश