गीत (जोगीरा) - मधु शुक्ला
Mar 12, 2025, 23:44 IST
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लेकर आया नई उमंगें, होली का त्यौहार।
तन मन सब के भिगो रही है, रंगों की बौछार।
जोगीरा ता रा रा रा रा......
बचपन शुचि मन चंचल होता, साथी रहता हर्ष।
पर्वों की तैयारी करता, नव विधि से हर वर्ष।
उन्हें देख कर सभी बड़ों को, होती खुशी अपार ....।
जोगीरा सा रा रा रा रा.......
होली जैसा पर्व न दूजा , यह कहते हैं लोग।
प्रेम रंग बरसाने के यह , उपजाता संयोग।
अरि भी अपनी ग़लती इसमें,कर लेता स्वीकार.....।
जोगीरा ता रा रा रा रा
ढ़ोल नगाड़े झांझ मजीरा, उड़ता हुआ गुलाल ।
एक रंग सबको कर देता , मिलती सबकी ताल ।
होली से हम शिक्षा लें तो,बढ़े आपसी प्यार...।
जोगीरा सा रा रा रा रा.....
-- मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश