धोखेबाज - सुनील गुप्ता
Jan 18, 2025, 22:45 IST
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( 1 )" धो ", धोखे
में हम रहे,
कि वह तो हैं, ख़ास अपने !
( 2 )" खे ", खेते
चले हम किश्ती,
पर, वे डुबोने पर आमदा थे !!
( 3 )" बा ", बातें
बहुत हो चुकीं,
देना बनता था, जवाब हमें !!
( 4 )" ज ", जब
इंतिहा हो गई,
तो, चुपचाप कैसे बैठे रहते !!
( 5 )" धोखेबाज ", धोखेबाज
लोगों से बचें,
ऐसे रिश्तों से, दूरी बनाए चलें !!
( 6 )" धोखेबाज ", धोखेबाज
बड़े दिखते भोले,
भोंकते छुरा, पीठ में चलें !!
( 7 )" धोखेबाज ", धोखेबाज
जहाँ-तहाँ छिपे,
आस्तीन में छिपे, साँपो से बचिए !!
- सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान