डॉ. मोहन यादव के प्रयासों से आर्थिक सुदृढ़ता के पथ पर बढ़ता मध्यप्रदेश- डॉ. सुदीप शुक्ल

Vivratidarpan.com - टोक्यो स्थित भारतीय दूतावास में 28 जनवरी को एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस दिन से 31 जनवरी तक जापान दौरे पर थे। भारतीय दूतावास में उन्होंने "सेलिब्रेटिंग इंडिया-जापान रिलेशनशिप: फोकस मध्य प्रदेश" रोड-शो में सहभागिता की। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने भारत और जापान के सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाने और मध्य प्रदेश में निवेश के अवसरों और सहयोग के विषयों पर चर्चा की। इसी दिन वे "फ्रेंड्स ऑफ एमपी-जापान" टीम से भी मिले थे। उनकी कोशिशें मध्यप्रदेश में विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिए 24 और 25 फरवरी को भोपाल में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 2025 में जापान के निवेशकों को आमंत्रित करने की थी। उनके द्वारा ऐसे ही प्रयास जर्मनी के निवेशकों के बीच भी किए गए। इससे पूर्व भी चालू वित्तीय वर्ष के राज्य के बजट में भी निवेश बढ़ाने को लेकर वातावरण बनाने के संकेत मिल गए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) का 24 फरवरी को उद्घाटन किया। उनकी उपस्थिति उद्योगपतियों के लिए प्रोत्साहित करने और भरोसा बढ़ाने वाली रही है। निवेश के अनुकूल 18 नीतियों को भी प्रधानमंत्री श्री मोदी ने लॉन्च किया। समिट के समापन समारोह में गृहमंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी समिट में पहुंचे। पहले दिन सोमवार को 22 लाख 50 हजार 657 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव और एमओयू हुए हैं। इससे प्रदेश में 13 लाख 43 हजार 468 रोजगार मिलेंगे।
निवेशकों ने मध्यप्रदेश में निवेश करने में जो उत्साह दिखाया है वह इस बात का संकेत है कि आने वाले समय में राज्य में और अधिक आर्थिक सुदृढ़ता आएगी। पहले दिन के प्रस्तावों और एमओयू पर दृष्टि डालें तो पता चलता है कि केवल अक्षय ऊर्जा यानी रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में ही 5 लाख 21 हजार 279 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव और एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं। इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में भी निवेश प्रस्ताव और एमओयू हुए हैं।
परिवहन सेवाओं के विस्तार के लिए एनएचएआई ने एक लाख करोड़ के एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे 4010 किलोमीटर लंबी सड़क परियोजनाओं पर काम होगा। देश का प्रतिष्ठित अडाणी समूह प्रदेश में 2 लाख 10 हजार करोड़ रुपए का निवेश करेगा। वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज बायोफ्यूल में 60 हजार करोड़ का निवेश करेगी। हिंडाल्को समूह सिंगरौली में 15 हजार करोड़ का प्लांट लगाएगा। अवादा ग्रुप 50 हजार करोड़ की लागत से 8000 मेगावाट का सोलर विंड पावर और बैटरी प्रोजेक्ट लगाने को तैयार है। इसके अलावा सागर ग्रुप वस्त्र उद्योग में ढाई हजार करोड़ रुपए का निवेश करेगा। कई अन्य प्रतिष्ठित औद्योगिक समूहों ने भी निवेश प्रस्ताव और एमओयू साइन किए हैं।
मध्यप्रदेश ने अपने परिश्रम, दूरदृष्टि, उद्यमशीलता, कौशल एवं इच्छा शक्ति से बीमारू राज्य होने का दाग धोया है। प्रदेश की औद्योगिक विकास दर वित्तीय वर्ष 2002-03 में ऋणात्मक थी जो अब 24 प्रतिशत से अधिक हो गई है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में वृद्धि के आधार पर इसकी गण्ना की जाती है। दूसरी बड़ी उपलब्धि यह है कि प्रदेश की विकास दर देश में सर्वाधिक बनी हुई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए राज्य सकल घरेलू उत्पाद 13,63,327 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था के मजबूत होने और विस्तार का पता चलता है। पिछले वित्तीय वर्ष की अपेक्षा राज्य सकल घरेलू उत्पाद में भी 9.37 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
देश के हृदय प्रदेश में उद्योगों के अनुकूल परिस्थियां, प्राकृतिक संसाधन, अच्छा अधोसंरचनात्मक ढांचा, मानव श्रम एवं कौशल की उपलब्धता, सुलभ परिवहन और शांतिपूर्ण वातावरण उद्योग लगाने की दृष्टि से अत्यंत आकर्षक एवं सुविधाजनक हैं। इससे निवेश हेतु वातावरण तैयार हो रहा है। समिट में पहली बार सहकारिता क्षेत्र में 2 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए हैं। रिलायंस इंडस्ट्री भी 5 प्लांट लगा रही है। लगभग दो हजार करोड़ के 21 निवेश होने हैं। उद्योग लगाने के लिए इंदौर-भोपाल सहित 10 से 12 जिलों को चिह्नित किया गया है। निवेश बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार ने कुछ बड़े कदम भी उठाए हैं। मध्यप्रदेश की ई व्हीकल पॉलिसी को सराहा जा रहा है क्योंकि इससे इलेक्ट्रिकल व्हीकल को बढ़ावा मिलेगा।
देश-विदेश के प्रमुख उद्योगपति इस समिट में आए और निवेश की घोषणा कर रहे हैं। दसअसल मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने लगभग एक वर्ष पहले रीजनल इन्वेस्टर्स समिट शुरू करने के साथ जीआइएस की तैयारी प्रारंभ कर दी थी। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने मुंबई, कोयंबटूर, बेंगलुरु और कोलकाता में निवेशकों के साथ बैठक की। वे मध्यप्रदेश में निवेश बढ़ाने के प्रयास कर रहे हैं इसके सुखद परिणाम आने वाले समय में देखने को मिलेगे।
(विनायक फीचर्स)