शक्ति का अवतार नारी - दिनेश विश्नोई
Mar 6, 2025, 23:34 IST
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विराट व्यक्तित्व है तुम्हारा
हे शक्ति का अवतार,
कहां से शुरू करूं
अद्भुत प्रतिभा की धनी
हजारों लहरों से बनी गंगा
शिव की जटा में समाई
भागीरथ ने धरा पर लाई
अपनी रहनी में
पूर्ण गंगा स्वरूपा।
सत्यम,शिवम्,सुंदरम का
अद्भुत सामंजस्य
तुममें है
सरस्वती,लक्ष्मी,दुर्गा का
अद्भुत,अप्रतिम प्रतिरूप
सैकड़ों आदित्य के बीच
शीतल,सहज
समाहित धूप।
वात्सल्य,ममत्व
का गजब संयोग।
रति, मीरा, राधा
का समर्पित,समाहित
सुख योग।
हौसला वो
की झुका दे पर्वत को
बुलंदी वो की हिला दे
दरख़्त को
प्रेम वो कि
तृप्त कर दे आत्मा को।
और सरल इतनी कि
खुद ही मिल जाए
व्यक्तित्व के हर नूर में।
ओज, आनंद, आचरण
का आंकलन क्या करें
इतनी प्रतिभा
जिसका संकलन क्या करें
कैसे करें?
और क्यों कर करें??
- दिनेश विश्नोई, जोधपुर, राजस्थान