दिसंबर - सुनील गुप्ता

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 ( 1 )" दि ", दिशाएं

       चला दिखलाते दिसंबर,

       आओ बढ़ें निरंतर, लक्ष्यों की ओर  !!

( 2 ) " सं ", संकल्प

     लेकर, देखें आगे

     और पिछले अनुभवों से, सीखते चलें !!

( 3 ) " ब ", बदलते

   समयानुसार, स्वयं बदलें

   बैठाएं परिस्थितियों से, तालमेल सदैव  !!

( 4 ) " र ", रहें

  वक़्त संग चलते,

  बीती ताहि बिसारदें, आगे की सुधलें !!

( 5 ) " दिसंबर ", दिसंबर

    चले देता सीख,

    कि, ये दिलों का संबंध, सदैव बरकरार रहे !!

- सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान