चक्रवात छंद - जसवीर सिंह हलधर
Feb 10, 2025, 23:48 IST
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होली का घुला है रंग, गली गली में उमंग,
रंग खेलने को आए ,यार मेरे चार जी ।
यार मेरे चार प्यारे ,नशे में हैं धुत्त सारे ,
पीए पैग झूम रहे ,सभी चार चार जी ।।
चार चार पैग मार,नालियों में गिरे यार ,
उनको संभालें यार ,चार चार चार जी ।
चार चार चार यार ,प्रश्न पे करो विचार ,
कितने हैं यार चार, चार चार चार जी ।।
- जसवीर सिंह हलधर , देहरादून